दिसंबर में भारतीय समुद्र में चक्रवात बनने का संकेत नहीं, मौसम रहेगा शांत

December 5, 2024 6:56 PM | Skymet Weather Team

इस समय दुनिया भर में किसी भी महासागर में कोई सक्रिय तूफान नहीं है। हालांकि विभिन्न सक्रिय बेसिनों में तूफानी मौसम खत्म हो रहा है। फिर भी दिसंबर में प्रमुख महासागरों में उष्णकटिबंधीय तूफानों के बनने पर कोई सीमाएं नहीं हैं। भारतीय महासागर इस महीने में सक्रिय रहता है और इसके बाद यह प्री-मानसून सीजन के लिए तैयारी करता है।

सक्रिय बेसिनों (Active Basins) का मतलब उन भौगोलिक क्षेत्रों या महासागरों से है जहाँ उष्णकटिबंधीय चक्रवात (tropical cyclones) बनने और विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ये क्षेत्र सामान्यतः उन जगहों पर होते हैं जहाँ समुद्र की सतह का तापमान अधिक होता है और मौसम की अन्य स्थितियाँ जैसे नमी और हवाओं का दबाव चक्रवात के निर्माण के लिए अनुकूल होती हैं।

भारतीय महासागर में 2024 में बने तूफान: इस साल अब तक भारतीय समुद्रों में चार चक्रवात बने हैं। इनमें से तीन बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए: रेमल, दाना और फेंजल, चौथा चक्रवात असना, जो इन-सीटू विकास था और बाद में अरब सागर में चल गया था। इसका मतलब है कि इस साल का आँकड़ा काफी असंतुलित है, क्योंकि अरब सागर में कोई तूफान नहीं बना है। अभी फिलहाल में बना तूफान फेंजल तमिलनाडु से टकराने के बाद निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में अरब सागर में प्रवेश कर गया था, लेकिन यह कमजोर हो गया और बिना किसी तीव्रता के दूर चला गया।

दिसंबर में तूफान: ऐतिहासिक डेटा: दिसंबर का महीना आमतौर पर भारतीय समुद्रों में किसी एक तूफान के लिए जाना जाता है। आखिरी बार तूफान  फेंजलनवंबर में बना था जो 1 दिसंबर 2024 तक कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया। इस साल दिसंबर में अभी तक कोई तूफान नहीं आया है।

पिछले छह वर्षों (2018-2023) के डेटा से पता चलता है कि दिसंबर में हर साल एक तूफान बना है। केवल एक बार 2019 में, यह अरब सागर में बना और वह भी सोमालिया के पास, जो भारत के लिए लगभग महत्वहीन था। बाकी सभी तूफान बंगाल की खाड़ी में बने। इन तूफानों की तीन खास विशेषताएं थीं। पहली इनकी तीव्रता कम रही, दूसरी ये दिसंबर के पहले भाग में बने और तीसरी विशेषता थी कि इन तूफानों ने उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आध्र प्रदेश के तटीय इलाकों प्रभावित किया था।

तूफानों के नाम और प्रभाव: जिसमें मिचौंग 2023 में आंध्र प्रदेश को प्रभावित किया था। साल 2022 में मेंडूस बना, जिसका असर चेन्नई पर हुई। चक्रवात जवाद साल 2021 में बना था जो समुद्र में कमजोर हो गया था । तूफान बुरेवी में साल 2020 में आया था, जोमन्नार की खाड़ी में कमजोर हो गया था। वहीं, साल 2019 में चक्रवात पवन बना था, जिसका भारी असर सोमालिया के तट पर हुआ था। चक्रवाती तूफान फेथाई साल 2018 में बना था जिसका भीषण प्रभाव आंध्र प्रदेश पर हुआ था।

वर्तमान स्थिति और पूर्वानुमान: वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में भूमध्यरेखीय विक्षोभ सक्रिय है। यह अगले 3-4 दिनों तक अक्षांश में काफी नीचे रहते हुए बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी और मध्य भागों से होकर गुजरेगा। यह 08 दिसंबर 2024 को श्रीलंका के पूर्वी तट के करीब आएगा। इसके तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी में स्थानांतरित होने और 11 दिसंबर तक यहीं रहने की संभावना है। 

दिसंबर में कोई तूफान नहीं : इस दौरान बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी, लेकिन यह प्रणाली कमजोर रहेगी और निम्न दबाव क्षेत्र से आगे नहीं बढ़ेगी। इस प्रकार की प्रणाली पूर्वोत्तर मानसून के मौसम में बहुत आम हैं, खासकर दिसंबर के महीने में जो श्रीलंका और तमिलनाडु को प्रभावित करती है। वहीं, दिसंबर 2024 में भारतीय समुद्र में कोई नया तूफान बनने की संभावना नहीं है। पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड के अनुसार यह पहला साल हो सकता है जब दिसंबर में कोई तूफान नहीं बनेगा।

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