विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने सोमवार को चेतावनी दी कि 2024 की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी अगले साल भी जारी रह सकती है। ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होने के बजाय बढ़ा है, जिससे भविष्य के लिए और अधिक गर्मी "लॉक" हो गई है। 2024 के अब तक का सबसे गर्म साल बनने का अनुमान है, जो 2023 को पीछे छोड़ देगा।
2025, तीन सबसे गर्मी सालों शामिल: यूके मेट ऑफिस के अनुसार, 2025 भी वैश्विक औसत तापमान के हिसाब से तीन सबसे गर्म वर्षों में शामिल हो सकता है। यह 2024 और 2023 के ठीक पीछे रहेगा।
पेरिस समझौते की सीमा होगी पार: WMO ने कहा है कि 2024 पहली बार औद्योगिक युग से पहले के तापमान की तुलना में 1.5°C की पेरिस समझौते की सीमा को पार करेगा। 2023 ने यह सीमा मामूली अंतर से नहीं पार की थी और 1.45°C की वृद्धि के साथ अब तक का सबसे गर्म वर्ष बना था।
पिछले 10 साल, सबसे गर्म वर्षों का दौर: संयुक्त राष्ट्र महासचिव (United Nations Secretary General)एंटोनियो गुटेरेस ने नए साल के संदेश में कहा कि पिछले दस वर्षों में अब तक के सबसे गर्म वर्ष दर्ज किए गए हैं, जिनमें 2024 भी शामिल है। उन्होंने इसे "जलवायु संकट- वास्तविक समय में" करार दिया। वैश्विक तापमान बढ़ने से भीषण गर्मी की घटनाए अधिक बार और तीव्र हो रही हैं। अगर इसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह जलवायु संकट की ओर ले जाएगा।
ला नीना की कमी ने बढ़ाई गर्मी: 2024 में पूर्वानुमानित ला नीना प्रभाव नहीं देखा गया। आमतौर पर, ला नीना के कारण महासागरीय तापमान में गिरावट होती है, जिससे गर्मी कम हो सकती थी। अब 2025 की शुरुआत में इसका छोटा प्रभाव और उसके बाद ENSO-न्यूट्रल स्थिति महासागरीय तापमान को पर्याप्त रूप से कम करने में सक्षम नहीं हो पाएगी। अगर अन्य कारकों में भी बदलाव नहीं होता है, तो 2025 भी 2024 की तरह गर्म रहने की संभावना है।