10 मई की शाम को दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में तेज़ धूल भरी आँधी और गरज के साथ बारिश हुई। तूफानों ने चिलचिलाती गर्मी से बहुत राहत पहुंचाई। लेकिन दुर्भाग्य से नुकसान और जानमाल की हानि भी हुई।
तेज हवा से गिरा तापमान: मौसम प्रणाली के कारण हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में धूल भरी आँधी और यहाँ तक कि छिटपुट बारिश हुई। दिल्ली में पालम वेधशाला में हवा की गति रात 9:30 बजे 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे केवल एक घंटे के भीतर तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस तक तेजी से गिर गया।
कई राज्यों में तूफान का असर: तूफ़ान तेज होने कारण दुखद परिणाम सामने आए हैं। इस तूफान से दिल्ली में दो लोगों की जान चली गई और 23 लोग घायल हो गए। वहीं, पेड़ उखड़ गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा। तूफान का असर दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों को भी धूल भरी आँधी और तूफान का सामना करना पड़ा।
आँधी के साथ ओलावृष्टि की संभावना: इस अनियमित मौसम के पीछे उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर चक्रवाती परिसंचरण बना है, जो वायुमंडलीय अस्थिरता पैदा कर रहा है। दिल्ली, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश, आंधी और धूल भरी आंधी के साथ अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना हो सकती है।
मिट्टी की नमी से फसलों को फायदा: अच्छी खबर यह है कि इस प्री-मॉनसून गतिविधि से उत्तर भारत में हो रही भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, अभी भी जान-माल के नुकसान की आशंका है, लेकिन बारिश से स्थिति में काफी सुधार होगा।आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर, मध्य और दक्षिण भारत में प्री-मॉनसून गतिविधि जारी रहेगी। यह भारी बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि इससे मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जो आगामी फसलों के लिए अच्छी स्थिति बनाएगी।
हीटवेव की संभावना कम: वहीं, जल्द ही उत्तर भारत में हीटवेव के वापस आने की संभावना कम है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बारिश की इस अवधि से की वापस आने की संभावना कम है। बारिश की इस अवधि के दौरान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के क्षेत्रों में कृषि को लाभ मिलेगा।