बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून की पूर्वी शाखा तय समय से बहुत पीछे है। 30 मई को पूरे पूर्वोत्तर भारत में समय से लगभग एक सप्ताह पहले मानसून आ गया था। इसके बाद से मानसून को आगे बढ़ने में कठिनाई हो रही है। मानसून रेखा सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर बिहार में रुकी हुई है। आमतौर पर इस समय के आसपास मानसून की धारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश को पार करती हुई दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बाहरी इलाकों तक पहुँच जाती है। है। हालांकि, अगले 3-4 दिनों में मानसून के तेजी से आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
सामान्य से बहुत कम बारिश: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकात में आमतौर पर 10/11 जून के आसपास पहली मानसून बारिश होती है, जो मुंबई में मानसून आने के साथ होती है। इस साल मानसून आने में अनावश्यक रूप से दो सप्ताह से अधिक की देरी हुई है। यहां तक कि जून महीने में भी प्री-मानसून बारिश कोलकाता में नहीं हुई है। अलीपुर स्थित क्षेत्रीय वेधशाला ने जून में अब तक केवल 32 मिमी वर्षा दर्ज की है, जबकि मासिक सामान्य वर्षा 289 मिमी है। सीजन के इस समय बारिश की इतनी बड़ी कमी को बाद में पूरा करना मुश्किल होगा।
पश्चिम बंगाल में 75% बारिश की कमी: हालांकि, अभी मानसून के जल्द ही कोलकाता पहुंचने के लिए स्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं। मानसून की धारा गंगीय पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर चुकी है। लेकिन कोलकाता, हावड़ा, हुगली, मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के बाहरी इलाकों में बनी हुई है। मानसून की उत्तरी सीमा ने कोलकाता के पूर्वी छोर के इलाकों बारासात, गोबरडांगा और कृष्णानगर को कवर कर लिया है। 01 से 25 जून के बीच पूरे पश्चिम बंगाल में लगभग 75% और कोलकाता में 80% से अधिक वर्षा की कमी दर्ज की गई है।
अगले दिनों में कोलकाता का मौसम: ओडिशा तट से दूर उत्तर-पश्चिम और पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। जिसके अधिक गहरे होने की संभावना है। एक व्यापक परिसंचरण कल (27 जून) पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों को कवर करेगा। यह पैटर्न पूरे भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में ट्रफ को सपोर्ट करेगा, जो कुछ समय के बाद मौसमी मानसून ट्रफ बन जाएगा। इस परिसंचरण और ट्रफ के प्रभाव से 29 जून को कोलकाता में मानसून की बारिश होने की संभावना है। बता दें, कोलकाता में मानसून आने से पहले प्री मानसून गतिविधियां जारी रहेंगी। शहर और उपनगरों में जून के अंत से जुलाई के पहले सप्ताह तक मानसूनी बारिश जारी रहने की उम्मीद है। हालंकि, इस दौरान एक या दो बार भारी बारिश की भी संभावना है।