पर्यावरण संरक्षण के लिए 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। यह पृथ्वी दिवस की 50वीं सालगिरह है। क्लाइमेट एक्शन यानि जलवायु कार्रवाई साल 2020 के पृथ्वी दिवस की थीम है। कोविड-19 की महामारी के बीच दुनिया ले रही है इस ग्रह को सुरक्षित और संरक्षित करने का प्रण।
स्वस्थ और हरी भरी धरती के लक्ष्य के साथ 22 अप्रैल, 1970 को अमरीका की गलियों और सड़कों पर लाखों की संख्या जन सैलाब उमड़ पड़ा था। 50 साल पहले 1970 में शुरू किए गए पहले पृथ्वी दिवस को आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की नींव माना जाता है। अब यह पर्यावरण को समर्पित विश्व का सबसे बड़ा नागरिक आंदोलन बन गया है।
पृथ्वी दिवस का उद्देश्य समुद्र में तेल रिसाव और पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण समेत प्रकृति के लिए सभी चुनौतियों का एकीकृत सामना करना है। पृथ्वी दिवस प्रति वर्ष 192 से अधिक देशों में मनाया जाता है।
जलवायु परिवर्तन इस समय पृथ्वी के पूरे जीवन चक्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है, जिसके चलते सौरमंडल के इस हरे-भरे और जीवन योग्य ग्रह पृथ्वी पर सबसे बड़ी चुनौती पैदा हो गई है।
पृथ्वी दिवस-2020 की थीम
वर्ष 2020 के ‘क्लाइमेट एक्शन’ थीम वाले पृथ्वी दिवस की 50वीं वर्षगांठ को मनाये जाने के लिए अर्थ डे नेटवर्क द्वारा कई गतिविधियों को ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें earthday.org पर विजिट कर भाग लिया जा सकता है। अर्थ डे नेटवर्क के 190 देशों में एक लाख से अधिक संगठनों द्वारा एक बिलियन से अधिक जनसंख्या की भागीदारी के साथ पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है।
बड़ी चुनौती के बीच जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के व्यापक अवसरों ने पृथ्वी दिवस-2020 की थीम को 50वीं वर्षगांठ के लिए सबसे अधिक महत्व वाला विषय बना दिया है। पृथ्वी दिवस आने वाले समय 1 अरब से अधिक लोगों को जागरूक करेगा जिससे पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया को प्रेरित किया जा सके।
हालांकि कोविड-19 की महामारी के चलते 50वें पृथ्वी दिवस को लेकर दुनिया का ज़ोर डिजिटल कवायद पर है। इस दिवस के उपलक्ष्य में उन स्थानों पर कोई भी आयोजन या अभियान शुरू किया जा सकता है जहां स्थानीय स्थितियाँ आयोजन की छूट देती हों।
प्रधानमंत्री मोदी की अपील
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पृथ्वी दिवस के मौके पर सभी से अधिक ‘क्लीनर’, ‘हेल्दीयर’ और ‘मोर प्रॉस्पेरस’ प्लैनेट अर्थ के लिए सभी से संकल्प लेने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से अगली पंक्ति में लड़ रहे लोगों को प्रोत्साहित भी किया।
विश्व के ज़्यादातर देशों से अपेक्षा है कि पृथ्वी दिवस के अवसर पर जन स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और सभी गतिविधियों तथा अभियानों को जिम्मेदारी से डिजिटली किया जाना चाहिए। डिजिटल प्लेटफॉर्म आवाज़ उठाने का अपने आप में इस समय एक सशक्त मंच है।
Image credit: Khabar Uttarakhand
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