दिल्ली की बेस वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस साल और प्री-मॉनसून सीज़न का सबसे अधिक तापमान है। इससे पहले दिल्ली में 19 मई 2024 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यह तापमान सामान्य से लगभग 5 डिग्री सेल्सियस अधिक ज्यादा और लू की स्थिति के बराबर है। ऐसे में जब मैदानी इलाकों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और सामान्य से तापमान कितना भी अलग क्यों न हो इसका कोई महत्तव नहीं है। अगर तापमान 45°C तक पहुँचता है, तो इसे हीट वेव की स्थिति मानी जाएगी। आज भी दिल्ली में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहने की संभावना है। इतना तापमान पिछले अधिकतम रिकॉर्ड को तोड़ सकता है।
गर्मी से बना परिसंचरण: उत्तरी मैदानी इलाकों में कम गर्मी के कारण उत्तरी राजस्थान और आसपास के पंजाब क्षेत्र के कुछ हिस्सों में निम्न स्तर का चक्रवाती परिसंचरण बन गया है। हालांकि, यह शुष्क परिसंचरण है और किसी मौसमी गतिविधि की संभावना नहीं है। इस परिसंचरण से पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा, जो पहले दिल्ली के करीब थी, अब उत्तर की ओर बढ़ गई है। बता दें, पिछले शनिवार से दिल्ली/एनसीआर में शुष्क और गर्म उत्तर-पश्चिमी हवाएँ लौट आई हैं। जिसके कारण पारे का स्तर 40 के मध्य (45) तक बढ़ गया है।
दिल्ली में बढ़ेगा तापमान: दिल्ली में पिछले 2 सप्ताह से लगातार अधिकतम तापमान 40°C से अधिक दर्ज किया जा रहा है। तब से यह तीन बार 44°C के स्तर को पार कर चुका है। मई महीन के आखिर तक पारा 45°C के आसपास बना रहेगा। इस अवधि के दौरान तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है। इससे पहले, दिल्ली में पिछले 2 दशकों में केवल एक बार 46 डिग्री सेल्सियस का तापमान पहुंचा था। सफदरजंग में 46°C का रिकॉर्ड है, जो 27 मई 2020 को दर्ज किया गया था। यह पिछले 2 दशकों में मई के महीने में सबसे अधिक है। अगले 2 दिनों में तापमान इस रिकॉर्ड को भी तोड़ सकता है। मौसम की स्थिति गर्म और शुष्क रहेगी, दोपहर में 'लू' की स्थिति रहेगी।