गर्मी का कहर जारी: जनवरी के बाद फरवरी रिकॉर्ड पर सबसे गर्म

March 8, 2024 6:44 PM | Skymet Weather Team

2016 के आंकड़े को पार करते हुए 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल के तौर पर समाप्त हुआ। 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था। इससे पहले 2016 में 0.15 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। 1850 के बाद से दस सबसे गर्म साल पिछले दशक में हुए हैं। जैसे-जैसे नई ऊंचाइयां छूई जा रही हैं, उस तरह से यह तापमान बढ़ने की प्रक्रिया अगले कुछ दशकों तक बढ़ती दिखाई दे रही है।

विश्व स्तर पर फरवरी 2024 सबसे गर्म: साल 2023 का दिसंबर महीना अब तक का सबसे गर्म दिसंबर था। जब वैश्विक सतह का तापमान 20वीं सदी के औसत से 1.43 डिग्री सेल्सियस अधिक था। फिर जनवरी 2024 आया, जिसमें रिकॉर्ड पर सबसे गर्म जनवरी था। वहीं, वैश्विक गर्मी का लगातार आठवां महीना था। अब एक और आश्चर्यजनक तथ्य (फैक्ट) से पता चला है कि फरवरी 2024 विश्व स्तर पर रिकॉर्ड के अनुसार सबसे गर्म फरवरी थी। यूरोप की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) के अनुसार फरवरी लगातार नौवां महीना है, जो वर्ष की संबंधित अवधि के लिए सबसे गर्म महीना था। सीईएस ने कहा, औसत सतही हवा का तापमान 13.54 डिग्री सेल्सियस था, जो 1991-2020 के फरवरी के औसत तापमान से 0.81 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं, 2016 में सबसे गर्म फरवरी के तापमान से 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

गर्मी का कारण सुपर एल नीनो: दुनिया भर में सबसे बड़े समुद्र  प्रशांत महासागर में सुपर एल नीनो के अधिक गर्मी का कारण बताया गया है। साल 2015 भी सुपर एल नीनो वर्ष था, जिसके कारण अगला साल 2016 सबसे गर्म वर्ष बन गया था। संयोगवश, वर्ष 2023 भी एक सुपर एल नीनो वर्ष है। जब नीनो 3.4 क्षेत्र में नवंबर-दिसंबर-जनवरी तिमाही के दौरान तापमान विसंगति 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई थी। हालांकि अल नीनो, जो इस मौसम का मुख्य कारण है, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में कमजोर होता जा रहा है।  लेकिन सामान्य तौर पर समुद्री हवा का तापमान असामान्य रूप से उच्च स्तर, 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पर बना हुआ है।

जलवायु परिवर्तन भी एक कारण:   अल नीनो के अलावा, मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन भी बढ़ते तापमान में मुख्य कारण है। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में शायद ही कोई गिरावट देखी जा रही है। जलवायु वास्तविक सांद्रता पर प्रतिक्रिया करती रहेगी। इस तापमान वृद्धि को पहले स्थिर करने और रोकने के लिए अथक प्रयासों की आवश्यकता है।एक दशक या उससे भी ज्यादा समय के बाद शमन आएगा। लेकिन, बशर्ते कि सख्त उपायों का पालन किया जाए।

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