राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में पिछले कुछ सालों से सर्दियों में मौसम की स्थिति में बड़े उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। पिछले साल जनवरी 2023 में सामान्य 20 मिमी बारिश हुई थी, लेकिन फरवरी के महिने में बारिश सामान्य 21.3 मिमी के मुकाबले शून्य दर्ज की गई थी। लेकिन, साल 2024 की सर्दी में विपरीत मौसम परिस्थितियां देखने को मिली हैं। जनवरी 2024 शुष्क महिने के तौर पर रिकॉर्ड हुआ, लेकिन फरवरी के पहले 5 दिनों में ही 30.8 मिमी बारिश हो चुकी है। इसके साथ ही पिछले 10 सालों में फरवरी महिने में सबसे ज्यादा बारिस हुई है। हालांकि, फरवरी में अगले एक सप्ताह तक मौसम की स्थिति शुष्क रहने की उम्मीद है। लेकिन, कुछ दिनों की देर से बारिश होने की संभावना है।
21.3 मिमी औसत बारिश के साथ फरवरी सर्दियों का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना है। हालाँकि, इसका सबसे अधिक हलचल वाला महीना होने का ट्रैक रिकॉर्ड भी है। जिसमें हाल के दिनों में एक से ज्यादा बार 3 अंकों तक तेज बारिश और शून्य तक की कम बारिश हुई है। फरवरी के महीने में पिछले 5 सालों में 3 बार शून्य वर्षा मापने का दुर्लभ रिकॉर्ड भी है। पिछले 15 वर्षों में फरवरी ने औसत वर्षा के आंकड़े को छह बार पार कर लिया है, जिसमें साल 2013 में 100 मिमी से अधिक वर्षा भी शामिल है।
आधार वेधशाला सफदरजंग ने फरवरी में पहले दिन ही मासिक औसत से अधिक वर्षा दर्ज की थी। इसके बाद के दिनों में हल्की बारिश दर्ज की गई, जिसमें 24 घंटों में एक मिलीमीटर से भी कम बारिश शामिल है। बारिश का मौसम पहाड़ों पर आए पश्चिमी विक्षोभ और मैदानी इलाकों में प्रेरित परिसंचरण के संयुक्त प्रभाव के तहत था। अब सहायक प्रणाली पूर्व की ओर चली गई है, जिससे दिल्ली क्षेत्र साफ़ हो गया है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ अभी एक दिन और रहेगा, जिसका असर कल दिख सकता है।
लगातार बने बादलों की चादल छँट जाएगी। कल दिल्लीवासियों को सुबह के समय घने कोहरे के बाद अच्छी धूप देखने को मिलेगी। एक दिन बाद न्यूनतम तापमान में एक अंक तक गिरावट और फिर लगभग 6-7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने की संभावना है। अगले सप्ताह तक दिल्ली और उसके आसपास बारिश की उम्मीद नहीं है। ऊँचे बादलों की एक परत 'रुक-रुक कर' दिखाई दे सकती है, जिससे सूरज की रोशनी थोड़ी कम हो सकती है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ का एक ताजा हमला निश्चित रूप से होगा, लेकिन अगले सप्ताह के मध्य से पहले नहीं।
फोटो क्रेडिट: गैट्टी इमेज