दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी तट पर अच्छी तरह से आगे बढ़ चुका है। साथ ही मानसून ने मुंबई में नियत तारीख से पहले दस्तक दी है। गौरतलब है कोलकाता और मुंबई में मानसून की शुरुआत होने की तारीख एक ही है। हालांकि, मुंबई हमेशा कोलकाता से आगे रहता है। पूर्वी तट पर मानसून की उत्तरी सीमा आगे नहीं बढ़ी है। चक्रवात रेमल के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून एक ही बार में पूरे पूर्वोत्तर भारत में आगे बढ़ गया था। वहीं, बांग्लादेश में प्रवेश के लगभग दो सप्ताह के बाद भी मानसून अभी तक कोलकाता नहीं पहुंचा है।
देरी होगी मानसून की शुरुआत: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जून में 2 दिन हल्की प्री-मानसून बारिश हुई थी। पिछले तीन दिनों के दौरान क्षेत्रीय वेधशाला अलीपुर, हवाई अड्डा वेधशाला दमदम और हावड़ा-हुगली में कोई वर्षा दर्ज नहीं की गई है। बता दें, पश्चिम बंगाल में मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां पर मानसून की शुरुआत आमतौर पर 10 जून के आसपास होती है और 15 जून तक मानसूनी बारिश पूरी हो जाती है। लेकिन, इस साल मानसून सीजन में देरी होने की संभावना है। जिससे कोलकाता शहर में 15 जून के बाद पहली मानसूनी बारिश हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत में दोबारा तेज बारिश: अगले एक सप्ताह में बंगाल की खाड़ी के ऊपर कोई मानसून सिस्टम आने की संभावना नहीं है। वर्तमान में म्यांमार तट के साथ मार्टाबन की खाड़ी के पास एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। यह मौसम प्रणाली म्यांमार-बांग्लादेश तट के साथ आगे बढ़ते हुए वर्षा बेल्ट को अपने साथ ले जाएगी। हालांकि, इस परिसंचरण के कमजोर होने की संभावना है। परिसंचरण के अवशेष इस सप्ताह के अंत तक बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी और बांग्लादेश के तटीय भागों तक पहुंचने की संभावना है। इससे पूर्वोत्तर भारत में मानसून की शुरुआत के बाद दूसरी बार फिर से तेज बारिश होगी।
पश्चिम बंगाल में बारिश पूर्वानुमान: कमजोर परिसंचरण और हवा के पैटर्न में बदलाव के कारण 15 जून के बाद कभी भी गंगीय पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में मानसूनी बारिश शुरू हो सकती है। हालांकि, बारिश हल्की और छिटपुट होने की संभावना है। इसलिए, कोलकाता में मानसून की शुरुआत मुंबई की तरह जोरदार नहीं हो सकती है। 16 जून के आसपास इसकी हल्की शुरुआत होने की उम्मीद है। 20 जून और इशके बाद बारिश तेज होकर फैल सकती है।
फोटो क्रेडिट: बिजनेस स्टैंडर्ड