बंगाल की खाड़ी में बन रहा है चक्रवात 'दाना', इस सीजन का पहला तूफान

October 21, 2024 7:01 PM | Skymet Weather Team

उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से आज सुबह पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी (बीओबी) और इससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। यह प्रणाली लगभग 15°N और 92°E के आसपास केंद्रित है, जो पोर्ट ब्लेयर से लगभग 400 किमी उत्तर में है। ऐसा लगता है कि यह प्रणाली पहले से ही एक चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र बन चुकी है और आज देर रात या कल (22 अक्टूबर) सुबह तक यह बहुत तीव्र होकर डिप्रेशन (अवसाद) में बदल जाएगी। इसके बाद यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगी और शाम/रात में तेजी से एक गहरे दबाव में बदल जाएगा। यह बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 की सुबह एक चक्रवाती तूफान बन जाएगा।

पोस्ट मानसून का पहला चक्रवात: यह भारतीय समुद्र में मानसून के बाद के मौसम का यह पहला तूफान होगा। यह तूफान पूर्व-मध्य बीओबी के उत्तरी हिस्सों से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक यात्रा करेगा, जो पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा के तटों के पास होगी। हालांकि इस क्षेत्र में तापीय ऊर्जा क्षमता 100 KJ/CM’2 से अधिक है, लेकिन सीमित समुद्री यात्रा के कारण यह अधिक तीव्रता हासिल नहीं कर पाएगा। फिर भी  इस चक्रवाती तूफान की श्रेणी या स्तर कुछ भी हो, लेकिन पूरी सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

चक्रवात की अवधि और तटों की तैयारी: यह चक्रवात उत्तरी बंगाल की खाड़ी में अधिकतम 48 घंटे तक चक्रवात के रूप में सक्रिय रहेगा। इसके लैंडफॉल (तट पर पहुंचने) की सटीक स्थिति जानने के लिए अभी और इंतजार करना बेहतर होगा। वहीं, उत्तर ओडिशा से लेकर पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश की तटरेखा पर सबसे अधिक खतरा हो सकता है। इसीलिएअल्प सूचना पर तैयारी की स्थिति में रहने की आवश्यकता है। गौरतलब है, ये तूफान अचानक से अपना रास्ता, समय, तीव्रता बदलने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, तूफान उत्तरी अराकान तट से लेकर पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा तक सीमित क्षेत्र से होकर गुजरता है, इसीलिए ज्यादा असुरक्षित होता है।

समुद्री स्थिति और तेज हवाओं का प्रभाव: बता दें, समुद्र की स्थिति प्रारंभ से ही बहुत खराब होगी और आज रात या कल सुबह तक और भी बदतर हो जाएगी। ओडिशा और पश्चिम बंगाल की तटरेखा पर कल शाम से तेज हवाएं चलने लगेंगी। बारिश कल(22 अक्टूबर) रात से हल्की/मध्यम शुरू होगी और 23 अक्टूबर को भारी से बहुत भारी हो जाएगी। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश को इस तूफान का सबसे अधिक प्रभाव झेलना पड़ सकता है, जबकि दोनों तटीय किनारे तूफान के भयंकर असर से बच सकते हैं। वहीं, अधिक सटीक पूर्वानुमान अगले 24 घंटों के बाद उपलब्ध होगा।

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