COP-29 अज़रबैजान में चल रहा है, जिसकी मेजबानी बाकू शहर में की जा रही है। पार्टियों का सम्मेलन (COP) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय है। 11 नवंबर से शुरू हुए इस सम्मेलन का समापन 22 नवंबर 2024 को होगा। उद्घाटन सत्र में COP-29 ने अनुच्छेद 6 के तहत पेरिस समझौते के एक तंत्र को अपनाया। जिसका उद्देश्य राष्ट्रों को मिलकर प्रदूषण को कम करने और औद्योगिक युग से पहले के स्तर की तुलना में वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C पर बनाए रखने में सहायता करना है। बता दें, इस सम्मेलन में 200 देशों के प्रतिनिधि जलवायु परिवर्तन पर गहन चर्चा कर रहे हैं।
2024, अब तक का सबसे गर्म साल: वर्ष 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल बनने की ओर बढ़ रहा है। मई 2024 के बाद से इस साल का हर महीना पिछले रिकॉर्ड से ज्यादा गर्म रहा है। कुल मिलाकर, जनवरी से सितंबर तक का औसत तापमान सीमा रेखा को पार कर गया है और पूर्व औद्योगिक युग की तुलना में 1.54°C अधिक था। 2015 से 2024 तक का दशक पिछले सभी दशकों में सबसे गर्म रहा है। साल 2000 से 2023 के बीच महासागरों ने 3.1 मिलियन TWH गर्मी को अवशोषित किया। 2023 में महासागर का तापमान सबसे अधिक रहा था।
एल नीनो का प्रभाव और ला नीना का बेअसर होना: वैश्विक विशेषज्ञों के अनुसार, इस गर्मी का मुख्य कारण मजबूत एल नीनो (El Nino) की तीव्र घटना है, जिसने जून 2023 से सितंबर 2024 तक लगातार 16 महीनों तक वैश्विक तापमान को औसत से ऊपर बनाए रखा। हालांकि, इस पर एक अन्य तर्क भी है जिसमें 2020 से 2023 के बीच 32 महीनों तक जारी रहे त्रिस्तरीय ला नीना की चर्चा है। यह साल पिछले कुछ सबसे गर्म वर्षों के हिस्सा हैं। जिससे यह साफ होता है कि कुछ और शक्तिशाली कारण हैं जो ला नीना (la Nina) के शीतल प्रभाव को उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर के विशाल विस्तार में बेअसर बना रहें हैं।
ला नीना पूर्वानुमान में गलतियाँ: राष्ट्रीय मौसम एजेंसी सहित अधिकांश वैश्विक एजेंसियों ने इस वर्ष ला नीना के पूर्वानुमान में गलतियाँ की। NOAA (राष्ट्रीय महासागर और वायुमंडलीय प्रशासन) ने मई 2024 में ला नीना 'वॉच' जारी की थी, जिससे उम्मीद थी कि जल्द ही ला नीना (la Nina) की स्थिति बनेगी। लेकिन, ENSO-न्यूट्रल स्थिति अपेक्षा से अधिक समय तक बनी रही। ला नीना की टाइमिंग और तीव्रता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और इसके बिल्कुल नहीं आने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। नीनो इंडेक्स अभी भी थ्रेशोल्ड मार्क तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यदि ला नीना सक्रिय भी होता है, तो यह कमजोर और संक्षिप्त हो सकता है। जिससे महासागरीय सतह पर किसी खास परिवर्तन की संभावना नहीं होगी।