अप्रैल बीतने को है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में अब तक तापमान अपने स्तर पर नहीं पहुंचा है। आमतौर पर अप्रैल के आखिर तक दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल और आसपास के हिस्सों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच जाता है। कुछ हिस्सों में 40 डिग्री के स्तर को भी पार कर जाता है। यही कारण है कि अप्रैल के आखिर से ही कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप शुरू हो जाता है।
इस साल मार्च और अप्रैल में हुई असामान्य वर्षा के कारण दिल्ली और एनसीआर में तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। पिछले 24 से 48 घंटों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद में कुछ स्थानों पर तेज आंधी और बादलों की गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई।
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अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान यानी अप्रैल के आखिर तक दिल्ली और एनसीआर समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों पर हवाओं में नमी बनी रहेगी। बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्र हवाओं के चलते ही यहां पर मौसम में हलचल बढ़ी है। यह स्थितियां अगले 48 घंटों तक बनी रहेगी जिससे राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना और धूल भरी तेज हवाओं के साथ कहीं कहीं पर बारिश हो सकती है।
29 और 30 अप्रैल को अपेक्षाकृत मौसम साफ होगा। लेकिन आंशिक बादल आते जाते रहेंगे। छिटपुट जगहों पर वर्षा होने की संभावना उन दो दिनों में भी रहेगी।
राजधानी दिल्ली में 1 मार्च से लेकर 26 अप्रैल के बीच औसत से 270% अधिक 78 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। सामान्यतः प्री-मॉनसून सीजन में दिल्ली में इतनी बारिश देखने को बहुत कम मिलती है। लेकिन मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पिछले चार-पांच सालों के आंकड़े इस बात के प्रमाण हैं कि दिल्ली और आसपास के हिस्सों में प्री-मॉनसून सीजन में औसत से अधिक बारिश हो रही है।
आने वाले दिनों में भी बारिश होने की संभावना के चलते यह अनुमान है कि दिल्ली-एनसीआर में दिन का तापमान औसत से नीचे ही बना रहेगा। इस बीच 26 अप्रैल को दिल्ली में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 7 डिग्री कम है। 27 और 28 अप्रैल को भी 32-33 डिग्री के आसपास ही रिकॉर्ड किया जाएगा। उसके बाद 29 अप्रैल से तापमान में बढ़ोत्तरी होने की संभावना
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