केंद्र सरकार मोटे अनाज को प्रोत्साहित कर रही है. मोदी सरकार ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स या मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था. मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा और किसानों को फायदा देने के लिए केंद्रिय सरकार ने “अन्न श्री योजना” की शुरूआत की। इन योजना के अंतर्गत सरकार ने मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देने का ऐलान किया गया था। किसान मोटे अनाज की खेती कर “अन्न श्री योजना” का लाभ कैसे उठा सकते हैं और कैसे किसानों को खेती करने पर अनुदान मिलेगा जाने इस रिपोर्ट में…
श्री अन्न योजना: केंद्र सरकार द्वारा “अन्न श्री योजना” शुरू करने का उद्देश्य मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार विभिन्न राज्यों में परंपारगत खेती को बढ़ावा दे रही है। केंद्र सरकार ने बजट 2023-24 में मोटे अनाज की खेती पर बात की थी। सरकार का मानना है अन्न श्री योजना से किसानों का रुख परंपरागत फसलों की ओर होगा और थाली में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन की वापसी होगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार दे रही आकर्षक सब्सिडी: हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों से मोटे अनाज की फसलें कम होने लगी है। जिससे प्रदेश में मोटे अनाज जैसे रागी, स्वांक, बाजारा, कोदरा और कुटकी, रागी की कमी होने लगी। किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने मोटे अनाज रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी के बीज पर 30 रुपये प्रति किलो का अनुदान देने की घोषणा की है। साथ ही राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि विभाग कई तरह के जागरूकता अभियान भी चला रहा है।
मध्यप्रदेश में मिलेगी इतनी राशि:मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन सिंह यादव ने श्री अन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का फैसला लिया है। इस योजना के अंतर्गत श्रीअन्न यानी कोदो कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा, कंगनी, संवा और चेना के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज का उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और ब्रांडिंग करने के लिए इस योजना को संचालित करने का फैसला लिया है।
मोटे अनाज के बीज पर 80% सब्सिडी: इससे पहले एमपी सरकार मोटे अनाज की खेती करने पर किसानों को बीज खरीदने पर 80 प्रतिशत सब्डिसी देने का ऐलान कर चुकी है। मोटे अनाज के बीच किसान सहकारी समितियों या अन्य सरकारी संस्थानों से खरीद सकतें हैं। मध्य प्रदेश के मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, शहडोल, अनूपपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सीधी और सिंगरौली जिलों में मोटे अनाज की फसल की जाती है।
यूपी में लाखों की सब्सिडी: यूपी के कृषि मंत्री के अनुसार मिलेट्स के बीजों का उत्पादन करने, Millets Processing and Packaging Unit लगाने, मिलेट्स मार्केटिंग केंद्र शुरू करने, मिलेट्स मोबाइल आउटलेट और मिलेट्स स्टोर शुरू करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, किसान या उद्यमी अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे। श्री अन्न की चलती फिरती दुकान शुरू के लिए डीपीआर के अनुरूप अधिकतम 10 रुपये तक का अनुदान और श्री अन्न की दुकान के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
लेकिन, इसके लिए एक शर्त रखी गई है कि आवेदन करने वाला किसानों का समूह कम से कम 3 साल से काम कर रहा हो। मोबाइल शॉप के लिए आवेदक के पास वाहन और आउटलेट शुरू करने के लिए पहले से दुकान होना जरूरी है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने की प्रक्रिया 11 दिसंबर से शुरू हो चुकी है। इसके लिए 16 दिसंबर की रात 12 बजे तक आवेदन किया जा सकेगा।आवेदन की सभी शर्तें एवं दस्तावेजों की जानकारी कृषि विभाग की वेबसाइट पर दी गई है.
अनुदान के लिए किसान ऐसे करे आवेदन: जो किसान अन्न श्री योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने क्षेत्र के कृषि विभाग में आवेदन करे। आवेदन के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड, किसान कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी, खुद का पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की जरूरत होगी।
फोटो क्रेडिट: द सेंटिनल असम