[Hindi] कृषि उत्पादों की बिक्री को सरल बनाने की नई पहल

April 17, 2017 11:14 AM | Skymet Weather Team

केंद्र सरकार की पहल पर राज्य सरकारें कृषि से जुड़े नियमों में बदलाव की इच्छुक है। राज्य सरकारों का भी मानना है कि संविदा खेती यानी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और कृषि उपज को बेचने के वर्तमान कानूनों में बदलाव लाने की जरूरत है। केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार राज्यों के विचार में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में छूट दी जानी चाहिए और जिस तरह से सरकारी मंडिया हैं उसी तरह से प्राइवेट मार्केट यार्ड यानी निजी बाजार मंडी बनाए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ने बताया कि नीति आयोग ने राज्यों के कृषि विपणन सचिवों से इन मसलों पर व्यापक रुप में विचार विमर्श किया है और केंद्र सरकार अब इस बात को लेकर आश्वस्त है कि ऐसा नियम बनाए जाने में हम सक्षम है जिससे समूचे भारत में कृषि उत्पादों को बेचने के लिए जटिल नियमों को सुधारा जा सकेगा।

कृषि विपणन सचिव ने बताया कि इसका उद्देश्य एक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार कर रहे हैं खासतौर पर अनाजों के सीधे विपणन का बड़ा बाज़ार खुले ताकि किसानों को उनकी उपज की अधिक से अधिक कीमत मिल सके। इससे पहले वर्ष 2003 में केंद्र सरकार ने कृषि विपणन से जुड़े नियमों का एक नया मॉडल कृषि विपणन कानून तैयार किया था लेकिन यह राज्यों से तालमेल बनाने में नाकाम रहा। अब एक नया मॉडल कानून तैयार है और केंद्र का राज्यों से आग्रह है कि कृषि व्यापार पर वर्तमान प्रतिबंधों को खत्म किया जाए। मोदी सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल में एलेक्ट्रोनिक राष्ट्रीय कृषि बाज़ार यानि eNAM वेबसाइट लॉंच की थी जिसके माध्यम से 10 अप्रैल तक 5 मिलियन टन खाद्य उत्पाद खरीदे गए जिनकी कीमत 15000 करोड़ रुपए थी।

अधिकारियों ने राज्य सरकारों द्वारा अब तक किए गए सुधारों को भी विस्तार से समझा। कृषि विपणन सचिव ने बताया कि हमारा लक्ष्य एक समान कानून सभी राज्यों में लागू करना उसके बाद किसानों के लिए भारत के सभी भागों में सीधे तौर पर उनकी उपज के लिए बाजार खोलना है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए एक राष्ट्रीय बाजार स्थापित करने के लिए कदम उठाए हैं जो ऑनलाइन ऑक्शन के रूप में किसानों को उपलब्ध होगा। केंद्र सरकार के अनुसार कई राज्यों ने कृषि सुधारों के लिए कई पहल की हैं जिसमें कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की अनुमति देना और निजी विपणन केंद्र खोला जाना शामिल है। महाराष्ट्र 41 निजी बाजार स्थापित करने के साथ सबसे ऊपर है। गुजरात ने 25 बाजार खोलने की अनुमति दी है। राजस्थान में 8 और कर्नाटक में 6 निजी बाजार खोलने को अनुमति दी गई है।

इसके अलावा महाराष्ट्र ने 527 बड़े खरीदारों को इस बात की छूट दी है कि वह किसानों से सीधे उनके उत्पाद खरीद सकते हैं। कर्नाटक में 37 और राजस्थान में 76 ऐसे खरीदारों को छूट दी गई है। इसी तरह से उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सीमित संख्या में किसानों और कंपनियों के बीच संविदा खेती की छूट दी गई। इस महीने के आखिर में केंद्र सरकार कृषि विपणन से संबंधित एक नया मॉडल कानून राष्ट्रीय परामर्श बैठक के दौरान राज्यों के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादों के विपणन के अलावा राज्यों से यह भी आग्रह किया है कि किसानों को अपने भू-क्षेत्र में उपजाए गए इमारती लकड़ी को बेचने की छूट दी जाए। ऐसा भूमि लीजिंग पर दिए जाने के कानून में उदारता लाकर किया जा सकता है और जो अब तक राज्य के वन विभाग द्वारा नियमित होता रहा है।

Image credit: Rajasthan Patrika

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