मॉनसून के पहले की बारिश से बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, गया और औरंगाबाद जैसे उत्तरी और पूर्वी जिलों में मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी हुई है। इन भागों में तापमान भी अनुकूल बना हुआ है। स्काइमेट के कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अरहर सहित अन्य दलहन और तिल तथा सुर्यमुखी जैसी तिलहन फसलों की बुआई के लिए अनुकूल है। इस बीच बिहार के मध्य भागों तक मॉनसून का आगमन हो गया है।
बिहार के किसानों को सलाह है कि वे अगर इन फसलों को अपने खेतों में लगाना चाहते है तो खेत की जुताई कर उसे तैयार कर लें और उसमें इन फसलों के बीज की बुआई कर दें। जुताई के समय ही गोबर की खाद या कम्पोस्ट का जितना संभव हो अधिक से अधिक प्रयोग करें। साथ ही बुआई के समय सुझाई गई मात्रा में डीएपी खाद भी आवश्य डालें।
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मक्का, ओल, आदि की बुआई जो किसान अब तक शुरू नहीं कर सके हैं वे जल्द ही इसकी बुआई शुरू कर दें क्योंकि बुआई के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ। आने वाले दिनों में मॉनसून बिहार के लगभग सभी हिस्सों में पहुँच जाएगा जिससे संभव हैं कि राज्य में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। बारिश अधिक होने की स्थिति में दलहन और तिलहन फसलों के साथ मक्के की बुआई का काम प्रभावित हो सकता है।
धान की फसल की बात करें तो बिहार में किसानों को नर्सरी जल्द तैयार करने का सुझाव दिया गया है। इसके लिए मध्यम अवधि वाली धान की क़िस्मों का चयन करें और नर्सरी के लिए इसकी बुआई करें। मक्का, धान तथा सब्जियों की नर्सरी के लिए अगर बीज पहले ही डाल चुके हैं तो अब नर्सरी की देखभाल का समय है। बरसाती कीड़ों से नर्सरी को बचाने के लिये, राख में केरोसीन के साथ 1-2 मिलीलीटर कीटनाशक दवा मिलाकर सुबह के समय भुरकाव करें। इससे नर्सरी की पत्तियों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
इस बीच स्काइमेट के कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बिहार में मुख्य खरीफ फसलों की बुआई का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। हालांकि गन्ना, जूट और सन की बुआई पूरी हो चुकी है। राज्य में गन्ने की औसत बुआई 2.45 लाख हेक्टेयर होती है। इसके मुक़ाबले इस बार 2.40 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई है। बिहार में जूट की खेती 1.19 लाख हेक्टेयर में हुई है।
बिहार में खरीफ सीज़न में धान की औसत खेती 31.64 लाख हेक्टेयर में होती है जो अब तक शुरू नहीं हुई है। लेकिन मॉनसून के शुरुआती बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए अनुमान है कि राज्य में किसान सामान्य के इस आंकड़े तक आसानी से पहुँच जाएंगे। बिहार के मध्य भागों तक पहुँच गया मॉनसून जल्द ही और आगे बढ़ेगा। इस समय मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम सुपौल के पास है।
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