[Hindi] मंदसौर हिंसा: किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई-आईजी

June 8, 2017 12:30 PM | Skymet Weather Team

Updated on 07 June, 2017, 12:15 PM मंदसौर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हुई, कई जगहों पर लगे कर्फ़्यू

मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले किसान आंदोलन में हिंसक घटनाओं के चलते छह किसान मारे गए हैं। घटना में दो किसानों के घायल होने की भी खबर है। किसान संगठनों और विपक्षी दलों के आज राज्य भर में बंद के आह्वान को देखते हुए मध्य प्रदेश के में सुरक्षा के पूरे उपाय किए गए हैं। पश्चिमी जिलों में सरकार ने विशेष एहतियात बरते हैं।

प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पिपलियामंडी सहित मंदसौर जिले के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। मंदसौर के अलावा नीमच सहित कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने हिंसक घटना की न्यायिक जांच की घोषणा है। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में एक जून से किसानों का आंदोलन हो रहा है। किसानों की मांग है कि उनकी उपज की उन्हें उचित कीमती मिले और ऋण माफ किया जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख जताया है। हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रूपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है। परिजनों के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दिए जाने की बात भी कही गई है। राज्य सरकार ने घायलों को पांच-पांच लाख रूपए की सहायता दिए जाने की घोषणा की है।

Published on 06-06-2017 मंदसौर में किसानों का हिंसक प्रदर्शन; झड़प में दो किसानों की मौत

मध्य प्रदेश के मंदसौर बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में है। हालांकि जिन घटनाओं की वजह से यह देश में चर्चा का विषय बना हुआ है दुखद है। मंदसौर सहित मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलग-अलग स्थानों पर किसान सरकार से अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए हैं। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या 2 हो गई है।

मंदसौर में आज किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारी दो किसानों की मौत हो गई है। चार किसान घायल भी हुए हैं। खबरों में किसानों की मौत की वजह पुलिस फायरिंग को बताया जा रहा है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मध्य प्रदेश के गृह राज्यमंत्री ने पुलिस फायरिंग से मौत की खबर को नकार दिया है और कहा कि फायरिंग की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ना तो इंटरनेट सेवाएँ बंद की हैं और ना ही कर्फ्यू लगाया है।

मध्य प्रदेश के मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में किसान अपनी मांगें पूरी ना होने तक प्रदर्शन पर हैं। प्रदर्शन के उग्र रूप लेता देख इन भागों में प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। मध्य प्रदेश के किसानों के प्रदर्शन को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने भी अब समर्थन दे दिया है और बुधवार को पूरे राज्य में हड़ताल करने का एलान किया है।

मध्य प्रदेश में किसानों के प्रदर्शन की आग की लपटें महाराष्ट्र तक भी पहुँच रही हैं। गौरतलब है मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और अपनी उपज की उचित कीमत की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल को मंगलवार को 6 दिन हो गए और धीरे-धीरे यह बढ़ती ही जा रही है।

मंदसौर पुलिस अधीक्षक के अनुसार सोमवार देर रात किसानों ने रेलवे क्रासिंग के गेट को तोड़ दिया। उन्होंने पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को भी नुकसान पहुंचाया। हालांकि यातायात ज्यादा देर प्रभावित नहीं हुआ। किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। मामले में कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है।

किसान विरोध प्रदर्शन की बढ़ती आग को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शुरू कर दिये हैं। मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों में भी किसान हड़ताली किसानों के साथ आने लगे हैं जिससे ना सिर्फ राज्य सरकार की बल्कि केंद्र सरकार की भी मुश्किल बढ़ने वाली है। मॉनसून आने वाला है और कई फसलों की बुआई जल्द शुरू होनी है ऐसे में किसानों का प्रदर्शन कृषि, किसान और सरकार सभी के लिए चिंता का विषय है।

 

Image credit: DNA India

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