हरियाणा में कृषि की सहूलियतों और किसानों की मदद के लिए आज से दूसरा कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पहले दिन इस किसान सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। बड़े केंद्रीय मंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करने और हिस्सा लेने से इस मेले का महत्व बढ़ गया है।
हरियाणा के कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ ने इस सम्मेलन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कृषि क्षेत्र में उभर रही मौसम संबंधी नई चुनौतियों का मुक़ाबला करना और नई खोज एवं नई कृषि विधियों को किसानों तक पहुंचाना इस मेले का उद्देश्य है। फ़रीदाबाद के सूरजकुंड में आज शुरू होने वाला 3 दिवसीय कृषि नेतृत्व सम्मेलन 20 मार्च तक चलेगा जिसमें देश भर से लगभग एक लाख से अधिक किसानों और कृषि विशेषज्ञों के शामिल होने की संभावना है।
पहला कृषि नेतृत्व मेला हरियाणा के गुरुग्राम में वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था। भारत में इस समय जलवायु के चक्र में बदलाव आ रहा है जिससे किसानों के सामने परंपरागत खेती को लेकर नई तरह की चुनौतियाँ पैदा हो गई हैं। हरियाणा सरकार का कहना है कि विशेषज्ञों की उपस्थिती में किसान ऐसी चुनौतियों से कैसे निपटें इसकी जानकारी दी जाएगी।
वर्षा पर आश्रित खेती के लिए बारिश ना होने की स्थिति में सिंचाई एक बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए सूक्ष्म सिंचाई विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इस सम्मेलन में किसानों को सूक्ष्म कृषि सिंचाई के बारे में भी बताया जाएगा। इसके अलावा कृषि उत्पादों के लिए अच्छी कीमत कैसे मिले इसकी जानकारी भी कृषि नेतृत्व मेले में दी जाएगी। हालांकि यह समय फसलों की कटाई मड़ाई की शुरुआत होने वाली है ऐसे में किसान खेती के कामों में व्यस्त होने वाले हैं लेकिन ऐसे कृषि मेलों में शामिल होना कृषि कार्यों को बेहतर और आसान बनने के लिए काफी मददगार हो सकता है।
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