Skymet weather

[Hindi] मराठवाड़ा में सामान्य से अधिक बारिश; फिर भी किसान परेशान

July 5, 2017 5:27 PM |

Marathwada farmerमहाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में खरीफ की लगभग 84 प्रतिशत खेती मॉनसून पर निर्भर है। मराठवाड़ा में बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और परभणी में आमतौर पर बारिश कम होती है जिससे खेती किसान और आम जन-जीवन प्रायः संकट का सामना करते हैं। हालांकि बीते कुछ वर्षों से मॉनसून के प्रदर्शन में बदलाव देखने को मिल रहा है जिसके चलते इन भागों में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिल रही है। यह अलग बात है कि बारिश का वितरण समान नहीं है।

इस वर्ष भी बारिश का वितरण ठीक नहीं है। हालांकि 4 जुलाई तक मराठवाड़ा में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस बीच क्षेत्र में खरीफ बुआई में बढ़ोत्तरी हुई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार समूचे क्षेत्र में इस बार 27.47 लाख हेक्टेयर में खेती की गई है जो बीते वर्ष की अब तक की 22.66 लाख हेक्टेयर से 21 प्रतिशत अधिक है। मराठवाड़ा में खरीफ सीजन में मुख्यतः दालें, कपास और तिलहनी फसलें बोई जाती हैं। इन समय भी मराठवाड़ा में बुआई ज़ोरों पर है। लेकिन बीते कुछ समय से बारिश ना होने के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मराठवाड़ा में महज़ 16% भू भाग सिंचित है जबकि 84 प्रतिशत मॉनसून वर्षा पर निर्भर है।

[yuzo_related]

मॉनसून का प्रदर्शन देखें तो मराठवाड़ा में 4 जुलाई तक सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। लेकिन इस बारिश से किसानों को विशेष लाभ नहीं मिला है क्योंकि आंकड़ों में वृद्धि कुछ ही स्थानों पर थोड़े समय के लिए हुई अच्छी बारिश से हुई है। फिलहाल मराठवाड़ा क्षेत्र में 4 जुलाई तक 164.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश के मुक़ाबले 185.1 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। यह भी गौर करने वाली बात है कि राज्य के बाकी हिस्सों के मुक़ाबले मराठवाड़ा में सबसे कम बारिश होती है।

इस बीच आपको बता दें कि बीते वर्ष यहाँ अच्छी बारिश के साथ मॉनसून विदा हुआ था। मराठवाड़ा क्षेत्र में वर्ष 2016 के मॉनसून में 21% सामान्य से अधिक वर्षा हुई थी। लेकिन बीते कुछ वर्षों से बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है जिससे कुछ इलाकों में जहां अच्छी वर्षा दर्ज की जा रही है वही कुछ इलाकों में बारिश की अभी भी कमी बनी हुई है।

फिलहाल मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों से मॉनसून खफा है। यहाँ लगभग दो सप्ताह से बारिश नहीं हो रही है और अधिकतर इलाके सूखे पड़े हैं। अगर मिट्टी में नमी की बात करें तो नांदेड़, लातूर और उस्मानाबाद के कुछ भागों को छोड़कर मराठवाड़ा में अधिकांश इलाके ऐसे हैं जहां नमी अब कम हो रही है और अगले 15-20 दिन और बारिश नहीं होती है तो बोई जा चुकी फसलों को काफी नुकसान पहुँच सकता है।

इस बीच स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी एक सप्ताह तक मराठवाड़ा में मॉनसून यहाँ सुस्त ही रहेगा। उसके पश्चात 11 जुलाई से हल्की वर्षा की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है। बारिश में 17 जुलाई से वृद्धि होगी और कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जाएगी। जिससे बोई गई खरीफ फसलों को लाभ होगा।

Image credit: Somethingsbrewing.com

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try