कृषि मंत्रालय ने कृषि की 4 प्रतिशत विकास दर के साथ अगले फसल वर्ष में देश में 27.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए मॉनसून के पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार ने जुलाई से शुरू होने वाले 2017-18 फसल वर्ष के लिए यह अनुमान जारी किया है। फसल वर्ष 2016-17 के लिए भी 27.19 करोड़ टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया था।
वर्तमान में जारी फसल वर्ष के लिए तय किए गए लक्ष्य तक हम पहुँच पाये हैं या नहीं इसके लिए आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। इस बीच आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने इस बार 96 प्रतिशत यानि औसत के आसपास मॉनसून के प्रदर्शन की संभावना जताई है। इसी आधार पर सरकार ने अनुमान लगाया है कि जुलाई 2017 से जून 2018 फसल वर्ष में भारत में रिकॉर्ड 27.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन हो सकता है।
आगामी खरीफ सीज़न के लिए बुआई की रणनीति तैयार करने पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी कार्यक्रम में बोलते हुए कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि सरकार लगातार दूसरे वर्ष बेहतर मॉनसून के चलते आशान्वित है कि देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में नया रिकॉर्ड कायम होगा।
भारतीय मौसम विभाग ने 96 प्रतिशत मॉनसून वर्षा का अनुमान लगाया है। इसमें 5 प्रतिशत का एरर मार्जिन रखा गया है। यानि अगर मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर होता है तो 91 प्रतिशत जबकि बेहतर और अनुकूल स्थितियों के बीच 101 प्रतिशत तक वर्षा दर्ज की जा सकती है। दूसरी ओर स्काइमेट वेदर ने अपने मॉनसून पूर्वानुमान में सामान्य से कम 95 प्रतिशत बारिश की संभावना व्यक्त की है। स्काइमेट ने भी अपने मॉनसून पूर्वानुमान में 5% का एरर मार्जिन रखा है। मॉनसून 2017 के लिए स्काइमेट का पूर्वानुमान जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
मॉनसून 2017: सामान्य से कमज़ोर प्रदर्शन की संभावना-स्काइमेट
इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि 95 प्रतिशत मॉनसून भी देश की कुल कृषि के लिए अहम भूमिका अदा करता है। लेकिन अगर बारिश का असमान वितरण होगा तो यह चिंता बात होगी। स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान में बताया गया है कि इस बार मॉनसून की शुरुआत अच्छी होगी लेकिन जून के बाद इसका प्रदर्शन कमजोर हो जाएगा।
स्काइमेट का अनुमान है कि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों और पश्चिमी भारत में जून से सितंबर की चार माह की अवधि में काफी कम वर्षा होगी। गुजरात, कोंकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में औसत से कम मॉनसूनी वर्षा के आसार हैं। मॉनसून की इस संभावित चाल को देखते हुए देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना सरकार के लिए एक चुनौती है। हालांकि हम आशा करते हैं कि जलदेव की कृपा बनी रहे, अच्छी बारिश हो जिससे कृषि के लिए आगामी वर्ष उज्ज्वल हो।
Image credit: The Hindu Businessline
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