[Hindi] असम के चाय बगानों पर मौसम की मार, उत्पादन में भारी कमी

April 25, 2017 3:58 PM | Skymet Weather Team

फरवरी में असम में बारिश अपेक्षा से कम हुई जिसके चलते चाय के उत्पादन में गिरावट आई है। इसके अलावा विपरीत मौसमी स्थितियों के चलते रोगों और कीटों का संक्रमण भी बढ़ा है जिसके कारण चाय पत्ती के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिली है। गौरतलब है कि असम के बगानों की विश्व प्रसिद्ध खुसबूदार चाय की पत्तियों की तुड़ाई का काम चल रहा है। हाल ही में राज्य में कई जगहों पर हुई व्यापक बारिश के साथ ओलावृष्टि ने फसलों को नुकसान पहुंचाया।

जोरहाट स्थित टोकलाई चाय शोध संस्थान ने जोरहाट, गोलाघाट, सोनारी और नाज़िरा में एक सर्वेक्षण किया है जिसमें यह पता चला है कि इन जिलों में मार्च 2017 में मार्च 2016 के मुक़ाबले उत्पादन में 43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा एक महीने पीछे यानि फरवरी में चाय की पत्तियों के उत्पादन में और अधिक लगभग 70 प्रतिशत की गिरावट रही। वर्ष 2017 की शुरुआत से मौसम को चाय बागानों के लिए प्रतिकूल माना जा रहा है।

असम में चाय उत्पादन का संक्षिप्त विवरण नीचे दिए गए इस चित्र से समझा जा सकता है:

Image credit: NElive.com

चाय बगानों के प्रबन्धकों और उत्पादकों ने बताया कि फरवरी में बारिश कम होने से चाय की पत्तियों का विकास ठीक से नहीं हो पाया। दूसरी तरफ लूपर्स तथा कैटरपिलर नामक कीटों के संक्रमण से चाय की पत्तियाँ नष्ट हुई हैं जिससे उत्पादन में व्यापक रूप में कमी आई। फरवरी में कम बारिश का खामियाजा चाय के बगानों को था ही हाल ही में हुई ओलावृष्टि ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। ओले गिरने से चाय के पौधों के बड्स टूटकर गिर गए हैं। इससे चाय बगानों में व्यापक नुकसान हुआ है।

हालांकि चाय बागान प्रबन्धकों और बागान मालिकों अभी भी आशावादी हैं कि मार्च के अंत में शुरू हुई प्री-मॉनसून वर्षा चलते आने वाले महीनों में पत्तियों की गुणवत्ता बेहतर होगी और विकास भी अच्छा होगा जिससे फरवरी और मार्च में कम उत्पादन की भरपाई हो जाएगी।

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