देश में बम्पर खाद्यान्न उत्पादन को देखते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को गेहूं और अरहर दाल पर फिर से आयात शुल्क लागू करने की घोषणा कर दी है। गेहूं पर जारी 10 प्रतिशत आयात शुल्क बीते वर्ष दिसम्बर में सरकार ने हटा दिया था ताकि गेहूं का अधिक से अधिक आयात हो और इसकी बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाया जा सके। मांग बढ़ने और आपूर्ति में कमी होने के चलते गेहूं की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हो रही थी और आम उपभोक्ताओं पर दबाव बढ़ गया था। 8 दिसम्बर को गेहूं पर लगा आयात शुल्क 10 प्रतिशत से हटकर शून्य कर दिया था। जबकि इससे पहले सितंबर 2016 तक गेहूं पर 25 प्रतिशत सीमा शुल्क लागू था।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है और वर्ष 2016 में सामान्य मॉनसून के चलते इस वर्ष गेहूं की बम्पर पैदावार की संभावना है। इसी संभावना के मद्देनज़र सरकार ने गेहूं पर फिर से आयात शुल्क लगाने का फैसला किया ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। दिसम्बर 2016 में आयात शुल्क मुक्त किए जाने के बाद से भारतीय व्यापारियों और आटा मिलों ने 5 मिलियन टन गेहूं का आयात किया। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष गेहूं का 96.64 मिलियन टन उत्पादन होने संभावना है। बीते वर्ष 92.29 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।
दाल के लिए भारत में अरहर का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। लेकिन बीते कई वर्षों में इसके उत्पादन में कमी के चलते कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाल उपलब्ध करने के उपायों के क्रम में सरकार ने 2006 से अरहर की दाल को आयात शुल्क मुक्त कर रखा था। गेहूं तथा अन्य अनाजों के साथ-साथ तूर का भी व्यापक उत्पादन इस वर्ष हो सकता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष अरहर का 4.23 मिलियन टन उत्पादन हो सकता है जबकि वर्ष 2015-16 में 2.56 मिलियन टन उत्पादन हुआ था।
व्यापक उत्पादन के अनुमानों के बीच गेहूं और अरहर की कीमतों में बीते कुछ दिनों से दबाव बना हुआ था। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है। इन राज्यों में किसानों को उनके अनाज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम कीमत मिल रही। गेहूं और अरहर पर सीमा शुल्क लगाए जाने का सरकार का यह फैसला किसानों के लिए बड़ी राहत होगा।
Image credit: Live Mint
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।