इस लेख में बात बिहार में अगले एक सप्ताह (7 मार्च से 13 मार्च , 2020) के मौसम की। साथ ही आप जानेंगे बिहार के किसानों के लिए क्या है फसलों से जुड़ी एड्वाइज़री।
बिहार में पिछले हफ्ते भी बारिश हुई थी और इस सप्ताह भी राज्य के कई इलाकों में बारिश के आसार हैं। बीते सप्ताह में गया, नालंदा, लखीसराय, नवादा, जमुई, बांका और भागलपुर जैसे दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश देखने को मिली है।
इस सप्ताह यानि 7 मार्च से 13 मार्च के बीच 7 मार्च को बिहार के कई जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश के साथ ओले गिरने के आसार भी हैं। साथ ही बिजली गिरने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इससे जान और माल को नुकसान भी सकता है। आपको बता दें कि मार्च से मई के बीच प्री-मॉनसून वर्षा के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने की घटनाओं में बिहार में काफी नुकसान होता है।
8 और 9 मार्च से पूरे राज्य में मौसम शुष्क हो जाएगा। उसके बाद एक नया झोंका बारिश का आएगा और 10 से 13 मार्च के बीच बिहार के कई हिस्सों में तेज़ बारिश होने की संभावना है। फिर से ओले और बिजली गिरने की भी आशंका है।
बिहार के किसानों के लिए फसल सलाह
इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में फसलों में छिड़काव और सिंचाई न करें। बुवाई की गतिविधियों को भी रोक दें। खरबूज, तरबूज, ककड़ी, मूंग व लोबिया आदि की बुआई 09 मार्च के बाद ही करें। इन फसलों में नमी सरंक्षण के लिए खेत को खरपतवार से मुक्त रखें तथा खेत में मल्च का प्रयोग करें। मूंग तथा लोबिया जैसे दलहनी फसलों की खेती में राईजोबियम कल्चर अवश्य करें।
मौसम साफ हो जाने पर तैयार आलू की खुदाई करें। मध्य मार्च तक सभी प्रकार की आलू की खुदाई कर लेनी चाहिए।
इस मौसम में चने की फसल में फलीछेदक कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। यह पत्तियों और फलियों में छेद कर उसे खा जाता है। जिसे घंघरा लगना भी कहते हैं। इस कीट से फसल को बड़ा नुकसान होता है। इसके नियंत्रण के लिए न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वाईरस (NPV) 250 LE प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
Image credit: The Financial Express
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