लगभग एक सप्ताह से मध्य प्रदेश से राजस्थान के ऊपर तथा बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम बने हुये हैं। यह दोनों मौसमी हलचलें बनने के बाद से सशक्त होती गई हैं जिससे इन दोनों ने देश के अधिकांश हिस्सों के मौसम प्रभावित किया है। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के चलते ओड़ीशा के उत्तरी तटवर्ती भागों और गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल में बारिश हो रही है जबकि इसने पूर्वोत्तर भारत के उत्तरी राज्यों, उत्तरी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरी बिहार और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों के लिए खलनायक की भूमिका अदा की है, जिससे इन क्षेत्रों में मौसम मुख्यतः शुष्क है और तापमान सामान्य से ऊपर चला गया है।
मध्य भारत बीते 15 दिनों से अच्छी मौसमी गतिविधि का केंद्र बना हुआ है। खासतौर पर मध्य प्रदेश में एक के बाद एक दो मौसमी सिस्टमों ने अच्छी बारिश दी है। मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों पर 22 जुलाई को एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ जो धीरे-धीरे सशक्त होता गया और पश्चिम की तरफ बढ़ता गया। इसके प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा भी अपनी सामान्य अवस्था से दक्षिणवर्ती बनी रही। मॉनसून की अक्षीय रेखा आमतौर पर कभी उत्तर तो कभी दक्षिणवर्ती होती रहती है, लेकिन बीते 15 दिनों से यह राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुये बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
अरब सागर से उठने वाली हवाएँ मध्य प्रदेश पर बनकर राजस्थान तक पहुँचने वाले इन सिस्टमों के प्रभाव के कारण दिल्ली सहित उत्तर भारत की ओर नहीं पहुँच पा रहीं हैं। उधर बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के कारण हवाएँ खाड़ी के आसपास ही केन्द्रित हैं। जो नम हवाएँ आमतौर पर बंगाल की खाड़ी से उठकर पूर्वी भारत के भागों को भिगोती हैं वो बीते सप्ताह भर से समुद्री क्षेत्रों के ऊपर ही सीमित रह जा रही हैं।
बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन जमीनी हिस्सों से अभी काफी दूर है। इसके जमीनी क्षेत्रों पर पहुँचने में अभी समय लगेगा। इसके प्रभाव से पूर्वी भारत के भागों में आगे दो बुधवार तक मौसम में किसी अगले विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं। अगले 48 घंटों के बाद ही पश्चिम बंगाल के शेष भागों और तटीय ओड़ीशा में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। डिप्रेशन अगले 48 घंटों के बाद ज़मीनी भागों पर पहुँचने के बाद धीरे पश्चिमोत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा तब छत्तीसगढ़ के भागों, झारखंड और दक्षिणी बिहार में बारिश बढ़ने की संभावना है।
पश्चिमी भारत में बना सिस्टम इस समय डीप डिप्रेशन बना गया है और राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों पर स्थित है। इसके चलते पश्चिमी राजस्थान के जिलों और पश्चिमी गुजरात के भागों में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। 24 घंटों के यह कमजोर होना शुरू कर देगा जिससे इन दोनों राज्यों में बारिश कम हो जाएगी और कई क्षेत्रों में बनी बाढ़ जैसी स्थिति से राहत मिलेगी।